तिलिस्म
पीछे पड़ी पीढ़ा बहुत तो भीड़ में घुस गये
दुःख जादू से करे कोई दूर भीड़ में घुस गये
न दुख हुए दूर न हालात ही सुधरे कोई
तो क्या हुआ भीड़ में कुचले और मर गए
डा राजीव “सागर”
पीछे पड़ी पीढ़ा बहुत तो भीड़ में घुस गये
दुःख जादू से करे कोई दूर भीड़ में घुस गये
न दुख हुए दूर न हालात ही सुधरे कोई
तो क्या हुआ भीड़ में कुचले और मर गए
डा राजीव “सागर”