तिरंगा
लहर लहर जब लहराता.तिरंगा
गीत अतीत के सुनाता तिरंगा।
शौर्य बलिदान शांति का प्रतीक
नभ को सदा छू आता तिरंगा।।
जाति पाँति मजहब के झगड़े।
दीन हीन, अमीर गरीब के झगड़े
दीवानो की बात बताता तिरंगा।
हुये शहीद केसरिया बाना पहने
हरित क्रांति का दूत बना पहले
भारत संघर्ष कथा सुनाता तिरंगा।
न नफरत का बीज बो धरा पर
न भ्रष्टता की नीति हो धरा पर
न्याय की भेरी बजाता तिरंगा।
स्वरचित ..
मनोरमा जैन पाखी