तिनका तिनका सजा सजाकर,
तिनका तिनका सजा सजाकर,
तिनका तिनका सजा सजाकर, अवनि को महकाता कौन?
धारण करता जो सृष्टि को, पर सृष्टि में रहता मौन।
कैसे वन वन उड़े कपोती? अग्नि से निकले क्यों ज्योति?
किस भांति बगिया में कलरव, कोयल की गायन होती?
भिन्न भिन्न से रंग सजाकर , गुलों में रख आता है,
हर सावन में इन्द्रधनुष को , अम्बर में चमकाता कौन?
तिनका तिनका सजा सजाकर, अवनि को महकाता कौन?
धारण करता जो सृष्टि को, पर सृष्टि में रहता मौन।
अजय अमिताभ सुमन