तिनका तिनका करके।
तिनका तिनका करके…
बनाया था परिंदे ने,
अपना आशियां…!!
ज़ालिम तुफां ने…
एक पल में इसको,
मिटा दिया…!!
अब खैर मांगें परिंदा खुदा से…
कोई रहमत भेज दे आका आसमां से…!!
पर कोई दुआ,
कबूल ही नहीं है…
उसकी दुनियां,
बेजान सी हो गई है…!!
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️