तितली
हरी हरी हरयाली हैं,
उनपे फुलों की सवाँरी हैं|
रंगबिरंगी प्यारी तितली
यहाँ वहाँ इतराती हैं,
फुल फुल से कली कली से,
जाने क्या बातें करती हैं|
बच्चे अगर पकडने भागे
भुर्ररर से उड़ जाती हैं,
कोमल कोमल पंख पाकर
मन ही मन हर्षाती हैं|
देख इन्हें, में भी सोचू,
तितली में बन जाऊँ,
ना होगा कोई बंधन
खुशियाँ सारी में पाऊँ|