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29 May 2024 · 1 min read

तितली रानी

तितली रानी, तितली रानी,
कितनी प्यारी लगती हो।
कली-कली पर, फूल-फूल पर,
उड़ती हो, इतराती हो।

इतने सुंदर, रंग – बिरंगे
पंख कहाँ से लायी हो?
सपनों से या परीदेश से,
कहो कहाँ से आई हो?

तितली रानी उड़ती-उड़ती
मेरे घर भी आओ ना।
मेरे घर में आकर अपने
प्यारे रंग बिखराओ ना।

फुलवारी से तरह – तरह के
फूलों के रंग लाओ ना।
आकर मेरी खिड़की पर तुम
अपने पंख हिलाओ ना।

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