तितली रानी
तितली रानी, तितली रानी,
कितनी प्यारी लगती हो।
कली-कली पर, फूल-फूल पर,
उड़ती हो, इतराती हो।
इतने सुंदर, रंग – बिरंगे
पंख कहाँ से लायी हो?
सपनों से या परीदेश से,
कहो कहाँ से आई हो?
तितली रानी उड़ती-उड़ती
मेरे घर भी आओ ना।
मेरे घर में आकर अपने
प्यारे रंग बिखराओ ना।
फुलवारी से तरह – तरह के
फूलों के रंग लाओ ना।
आकर मेरी खिड़की पर तुम
अपने पंख हिलाओ ना।