तितली रानी (बाल कविता)
तितली रानी, तितली रानी
बड़ी ही प्यारी लगती हो।
ऐसा क्या तुममें जो,
तुम सबके मन को भाँती हो।
इतने रंगो में सजकर
तुम कहाँ से आती हो
अपने पंखों पर इतनी प्यारी रचना,
तुम किससे करवाती हो।
तेरे यह रंग कच्चे है
या पक्के रंग में रंगकर आती हो।
और बता दो तुम इतना
यह रंग कहाँ से लाती हो।
यह रंग तुम्हारे अपने हैं,
या फूलों से मांग कर लाती हो।
ऐसा तो नहीं की तुम फूलों पर बैठ,
चुपके से चुरा लेती हो।
सच-सच बताना ऐ तितली रानी,
ये रंग-बिरंगे जो पंख है तेरे
वह किससे भरवाती हो,
और सबके मन को तुम
कैसे हमेशा मोह लेती हो।
~अनामिका