तारे
आसमान में कितने तारे ?
आहा ! लगते कितने प्यारे ।
कभी लगे माँ की चूनर से ,
कभी लगे दीपक धूसर से ।
आसमान में कितने तारे ?
आहा ! लगते कितने प्यारे ।
ओ आओ चुन्नू आओ मुन्नू ,
गिनों बताओ कितने तारे ।
आसमान में कितने तारे ?
जितने सिर पर बाल हमारे।
कभी लगते चंदा नगरी से ,
बिखरे नानी की गगरी से।
आसमान में कितने तारे ?
आहा ! लगते कितने प्यारे ।
—प्रतिभा आर्य,
चेतन एनक्लेव
अलवर(राजस्थान)