तारे पूछे रैन में, क्यों इतने बेचैन l
तारे पूछे रैन में, क्यों इतने बेचैन l
नींद नैन आये नहीं, रूप बसे है नैन ll
रैन खुलासा है करे, ताके नहीं चकोर l
चँदा बिखेरे चाँदनी, है रिझाना चकोर ll
चाँद बिखेरे चाँदनी, चमक करे बेचैन l
घर आ मेरे चाँद रे, देने देने चैन ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न