Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2024 · 1 min read

तारीफ तेरी, और क्या करें हम

तारीफ तेरी और, क्या हम करें।
कैसे तुम्हारा दिल, खुश हम करें।।
तुम्हारे सिवा हमको, नहीं है पसंद और।
तारीफ तेरी और——————।।

यूँ तो हजारों फूल, गुलशन में हैं।
रोशन चिराग यहाँ, और भी है।।
मगर इतने हसीन ये, लगते नहीं।
होता नहीं है दिल, खुश और से।।
तारीफ तेरी और—————–।।

सूरत तुम्हारी यहाँ, माहताब सी।
रोशन हो तुम, यहाँ आफ़ताब सी।।
महकते हैं फूल, जब तुम हंसती हो।
नूर जहां में तेरे जैसा और नहीं।।
तारीफ तेरी और——————-।।

सरुर जो, तुम्हारी नज़रों में है।
नहीं ऐसी खूबी, औरों में है।।
मेरे दिल का ख्वाब, तुम ही हो।
तुम्हारे सिवा मोहब्बत, और से नहीं।।
तारीफ तेरी और——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
ह्रदय की स्थिति की
ह्रदय की स्थिति की
Dr fauzia Naseem shad
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अफ़सोस
अफ़सोस
Dipak Kumar "Girja"
ध्यान करने परमपिता का
ध्यान करने परमपिता का
Chitra Bisht
रिश्तों में...
रिश्तों में...
Shubham Pandey (S P)
मां लक्ष्मी कभी भी जुआरिओ के साथ नही बल्कि जोहरीओ के साथ रहत
मां लक्ष्मी कभी भी जुआरिओ के साथ नही बल्कि जोहरीओ के साथ रहत
Rj Anand Prajapati
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
nhacai king88
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
मनोज कर्ण
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
3550.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
*खेल खिलौने*
*खेल खिलौने*
Dushyant Kumar
*जीता है प्यारा कमल, पुनः तीसरी बार (कुंडलिया)*
*जीता है प्यारा कमल, पुनः तीसरी बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जाने कहां गई वो बातें
जाने कहां गई वो बातें
Suryakant Dwivedi
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
शेखर सिंह
तुम्हारी दुआ।
तुम्हारी दुआ।
सत्य कुमार प्रेमी
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?
आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?
पंकज परिंदा
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
ह
*प्रणय*
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
वर्षा का तांडव हुआ,
वर्षा का तांडव हुआ,
sushil sarna
लिट्टी छोला
लिट्टी छोला
आकाश महेशपुरी
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
"कैसे कह दें"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य की जय
सत्य की जय
surenderpal vaidya
Loading...