तानाशाहों का हश्र
ज़ालिम तानाशाहों का
अंज़ाम बुरा होता है
ये वक़्त जो लेता उनसे
इंतक़ाम बुरा होता है…
(१)
ज़ुल्मत की बुनियाद पर
टिके निज़ाम के ख़िलाफ़
इंकलाब का उठता हुआ
तूफ़ान बुरा होता है…
(२)
अपनी ताक़त का बेजा
इस्तेमाल करते हुए
जो जबरन किया जाता
वह काम बुरा होता है…
(३)
क्या दुनिया की तारीख़ से
मिलता नहीं सबक तुम्हें
किसी मजलूम क़ौम का
इंतक़ाम बुरा होता है…
(४)
शौक़ से हमारे होठों पर
ताले लगाओ तुम लेकिन
ख़ामोशी से उठने वाला
कोहराम बुरा होता है…
(५)
अवाम की निगाहों से
गिर जाओ न तुम कहीं
दुनिया में सियासत का
बदनाम बुरा होता है…
(६)
जो यहां जिस लायक़ हो
उसको वैसा ही काम दो
सिस्टम के लिए जीनियस
नाकाम बुरा होता है…
(७)
एक शायर कहता तुमसे
ऐसे अंगारों से खेलना
बैठकर बारूद के ढ़ेर पर
खुलेआम बुरा होता है…
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Shekhar Chandra Mitra
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