ताटंक छंद मुक्तक
इस दुनिया मे सचमुच उनके,होते वारे न्यारे हैं!
राजनीति मे नेताओं के,….होते जो भी प्यारे हैं!
जाँच परखने मे मुझको ये,बात समझ मे आई है,
काल कोठरी यह काजल की,रहते सारे कारे हैं !!
रमेश शर्मा
इस दुनिया मे सचमुच उनके,होते वारे न्यारे हैं!
राजनीति मे नेताओं के,….होते जो भी प्यारे हैं!
जाँच परखने मे मुझको ये,बात समझ मे आई है,
काल कोठरी यह काजल की,रहते सारे कारे हैं !!
रमेश शर्मा