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27 Jun 2024 · 1 min read

ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम

ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
पर मंजिल मिली न किसी रास्ते पे
छूट गए राही, छूटते गए साथी, छूट गया हमसफर
अब फिकर किसी बात की नहीं
बेफिक्रे सी जिंदगी है.. मौजों में रवानी
दिल है सुकून जो अब आस किसी की नहीं।

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