ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
पर मंजिल मिली न किसी रास्ते पे
छूट गए राही, छूटते गए साथी, छूट गया हमसफर
अब फिकर किसी बात की नहीं
बेफिक्रे सी जिंदगी है.. मौजों में रवानी
दिल है सुकून जो अब आस किसी की नहीं।
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
पर मंजिल मिली न किसी रास्ते पे
छूट गए राही, छूटते गए साथी, छूट गया हमसफर
अब फिकर किसी बात की नहीं
बेफिक्रे सी जिंदगी है.. मौजों में रवानी
दिल है सुकून जो अब आस किसी की नहीं।