तहज़ीब
तेरी तहज़ीब से उभरते हुए चेहरे की रंगत।
नकाबपोश की चालाकी से बनी हुई किस्मत।।
भाग पायेंगे आखिर कब तक खुद का खुद से ही है सवाल।
जो मचाता है ह्रदय में हरदम ही एक नया बवाल।।
तेरी तहज़ीब से उभरते हुए चेहरे की रंगत।
नकाबपोश की चालाकी से बनी हुई किस्मत।।
भाग पायेंगे आखिर कब तक खुद का खुद से ही है सवाल।
जो मचाता है ह्रदय में हरदम ही एक नया बवाल।।