तहके दिल में बसावल खता हो गइल
तहके दिल में बसावल खता हो गइल।
लोग हमरा से आपन खफा हो गइल।
कइसे नैना मिलल बात आगे बढ़ल,
हाय अचके में जाने इ का हो गइल।
भाजपा में रहे योगी योगी करें,
आज अखिलेश के रहनुमा हो गइल।
रंग गिरगिट भी एतना ना बदली कबो,
नीला भगवा भइल अब हरा हो गइल।
हाय मौसम सितम ढा रहल आजकल,
जाड़, गरमी कबो बदरवा हो गइल।
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य