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1 Oct 2024 · 1 min read

तस्वीर

तस्वीर (दोहे)

मुखड़े पर मुस्कान प्रिय,आँखों में मधु प्यार।
घूंघट से है छलकता,मोहक शिष्टाचार।।

अति अनुपम छवि देखकर,मन में उठता भाव।
मिले सदा सत्संग का, दिव्य लाभ प्रिय छांव।।

ऐसे मधुरिम रूप पर,न्योछावर घर-द्वार।
सिर्फ चाहता मन यही,मिले हमेशा प्यार।।

चित्र नहीं सामान्य यह,शोभा से भरपूर।
परम रागिनी रूपसी,क्षण भर रहे न दूर।।

जन्म -जन्म के पुण्य का,यह उत्तम प्रतिदान।
इस जिवित तस्वीर का,आजीवन सम्मान।।

हार गले का चमकता,मारे प्रेम हिलोर।
सतत चूमता मन इसे,कभी न होता होर।।

तुम्हीं अप्सरा स्वर्ग की,देना नित दीदार।
कला और संगीत से,करना प्रेम करार।।

काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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