Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 3 min read

तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं….

तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं…..
मेरे पिता जी का ट्रांसफ़र सबदलपुर( सहारनपुर) से चौमुहां ( मथुरा ) सन् १९७७-७८ में हो गया, मैं उस समय छटवीं कक्षा का विद्यार्थी था. गाँव चौमुहां मतलब चार मुख वाला यानी वहाँ पर भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर हैं मैं आपको बताता चलू भगवान ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर के अलावा चौमुहां में भी हैं. पिता जी ने मेरा दाख़िला सर्वोदय इंटर कॉलेज में करवा दिया, दूसरे तीसरे दिन मेरे साथ के बच्चों ने मजाक बनाना शुरू कर दिया, मैं खड़ी बोली बोलने वाला और सभी बृज भाषा बोलते थे.लेकिन बृजभाषा सुनकर आनंद आता था. एक दिन इंग्लिश वाले अध्यापक ने Table की स्पेलिंग पूछ ली,और मुझे याद नहीं,गुरु जी ने पतली छड़ी से पिटाई की मैं बहुत रोया, लेकिन मन ही मन अपने आप से कमिटमेंट कर लिया कि गुरु जी आज आपने पिटाई की आज के बाद English Spelling पर पिटाई नहीं खाएँगे.घर आये और इंग्लिश की पुस्तक में से ४,५ व ६ अक्षर वाले शब्दों को कॉपी पर लिख लिया, पूरी पुस्तक में से क़रीब ३०-३५ शब्द मिले याद कर लिया और एक दिन जब याद हो गये, गुरु जी जैसे ही कक्षा में आये, मैंने उनको कॉपी देकर कहा, गुरु जी ये इंग्लिश पुस्तक में से ४,५ व ६ अक्षर वाले शब्द ढूँढ कर याद कर लिए आप पूछ लो.गुरु जी ने बड़े ध्यान से कॉपी को देखा उसी समय कुछ शब्द पूछ लिये और कॉपी अपने पास रख ली.जो-जो शब्द उन्होंने पूछे थे मैंने सही -सही बता दिये. गुरु जी ने वो कॉपी अपने पास रख ली और कभी वापिस नहीं मिली, हाँ मैं गुरु जी का सबसे समझदार शिष्य हो गया और कक्षा में कभी भी गुरु जी स्पेलिंग पूछ लेते थे पर उसके बाद मेरे से कभी भी स्पेलिंग नहीं पूछी, मेरा कहने का मतलब ये हैं, छोटे- छोटे प्रयास आपको तरक़्क़ी दिलवाते हैं, कोई भी चीज मुश्किल नहीं हैं, चीजों को आसान आपने बनाना हैं.. तरीक़े आपने ख़ुद ढूँढने हैं. लेखक के बारे में -पीयूष गोयल दर्पण छवि के लेखक,पीयूष गोयल 1७ पुस्तकें दर्पण छवि में लिख चुके हैं,सबसे पहली पुस्तक( ग्रन्थ) “श्री भगवद्गीता”के सभी 18 अध्याय 700 श्लोक हिंदी व् इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखा हैं इसके अलावा पीयूष ने हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखित पुस्तक “मधुशाला”को सुई से लिखा हैं ,और ये दुनिया की पहली पुस्तक हैं जो सुई से व् दर्पण छवि में लिखी गई हैं इसके बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की पुस्तक “गीतांजलि”( जिसके लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर जी को सन 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था) को मेहंदी कोन से लिखा हैं.

पीयूष ने विष्णु शर्मा जी की पुस्तक “पंचतंत्र”को कार्बन पेपर से लिखा .अटल जी की पुस्तक “मेरी इक्यावन कवितायेँ”को मैजिक शीट पर लकड़ी के पैन से लिखा और अपनी लिखित पुस्तक “पीयूष वाणी” को फैब्रिक कोन लाइनर से लिखा हैं सं 2003 से 2022 तक 17 पुस्तके लिख चुके हैं. दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. Awards- 1.Limca Book of Records(2Times). 2.World Record( World Record Association).For writing World First Hand Write Needle book Madhushala 3.Dr.Sarvepalli Radhakrishnan Award-2021. 4.इंडियन बैस्टीज़ अवार्ड- 2021. 5.Fanatixx Spectrum Award. 6.Criticspace Literary Award-2022. 7.Guest of Honour-Tittle( Best Entrepreneur of the Year Award-2022. 8.हिन्द शिरोमणि सम्मान-2023. 9.कबीर कोहिनूर सम्मान-2023.

143 Views

You may also like these posts

बेटी (ग़ज़ल)
बेटी (ग़ज़ल)
Dr Archana Gupta
कोडेनार का थाना क्षेत्र
कोडेनार का थाना क्षेत्र
Dr. Kishan tandon kranti
फिर कुछ अपने
फिर कुछ अपने
Chitra Bisht
खुद को नहीं बचा पाते
खुद को नहीं बचा पाते
Sudhir srivastava
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
Satish Srijan
प्रेम स्मृति
प्रेम स्मृति
SURYA PRAKASH SHARMA
(गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में) वेदों,उपनिषदों और श्रीमद्भगवद्गीता में 'ओम्' की अवधारणा (On the occasion of Geeta Jayanti Mahotsav) Concept of 'Om' in Vedas, Upanishads and Srimad Bhagavad Gita)
(गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में) वेदों,उपनिषदों और श्रीमद्भगवद्गीता में 'ओम्' की अवधारणा (On the occasion of Geeta Jayanti Mahotsav) Concept of 'Om' in Vedas, Upanishads and Srimad Bhagavad Gita)
Acharya Shilak Ram
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
Neelofar Khan
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
वह मुझसे ख़ुश रहती है
वह मुझसे ख़ुश रहती है
कुमार अविनाश 'केसर'
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माँ - बेटी
माँ - बेटी
Savitri Dhayal
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Surinder blackpen
सूखा पेड़
सूखा पेड़
Juhi Grover
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*प्रणय*
यूं जी भर जी ना पाओगे, ना ही कभी मर पाओगे,
यूं जी भर जी ना पाओगे, ना ही कभी मर पाओगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
Iamalpu9492
गुमनाम
गुमनाम
Santosh Shrivastava
संवेदना
संवेदना
Namita Gupta
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
न मंजिल है कोई न कोई डगर
न मंजिल है कोई न कोई डगर
VINOD CHAUHAN
आज है बेबस हर इन्सान।
आज है बेबस हर इन्सान।
श्रीकृष्ण शुक्ल
बोलिंग बेटिंग फील्डिंग, तीनों सबके पास
बोलिंग बेटिंग फील्डिंग, तीनों सबके पास
RAMESH SHARMA
तुम्हें आसमान मुबारक
तुम्हें आसमान मुबारक
Shekhar Chandra Mitra
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3694.💐 *पूर्णिका* 💐
3694.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...