तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
मिरे पास आये सनम मुस्कुराते
जो आये मिरे शे’र होंठो पे उनके
ग़ज़ल ने किया काम दिल को लुभाते
—महावीर उत्तरांचली
तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
मिरे पास आये सनम मुस्कुराते
जो आये मिरे शे’र होंठो पे उनके
ग़ज़ल ने किया काम दिल को लुभाते
—महावीर उत्तरांचली