तमस
वतन का फिक्र कर नादान मुसीबत आने वाली है।
तेरी बरबादियों के तजकरे है आसमानों में।।
न संभालोगे तो मिट जाओगे
तुमारी दास्ताँ तक नहीं रहेगी दास्तानों में।।
—-तमस—–भीष्म साहनी
वतन का फिक्र कर नादान मुसीबत आने वाली है।
तेरी बरबादियों के तजकरे है आसमानों में।।
न संभालोगे तो मिट जाओगे
तुमारी दास्ताँ तक नहीं रहेगी दास्तानों में।।
—-तमस—–भीष्म साहनी