तमन्ना ए कल्ब।
तमन्ना ए कल्ब…
सारी की सारी मर गई हैं…!
ऐ जिन्दगी,
अब तू जी ले अपनी मर्जी से…!
तुझसे कोई भी…
शिकवा और शिकायत…
हम ना करेंगें…!…..!!
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
तमन्ना ए कल्ब…
सारी की सारी मर गई हैं…!
ऐ जिन्दगी,
अब तू जी ले अपनी मर्जी से…!
तुझसे कोई भी…
शिकवा और शिकायत…
हम ना करेंगें…!…..!!
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️