तब आना तुम मेरे पास प्रिय
दिन . .. रविवार
दिनांक….. 1110 2020
विधा …..गीत
विषय….. तब आना तुम मेरे पास प्रिय
=======
जब मन दुनिया से भर जाए
गम कोई तुम्हें घर कर जाए
तब आना तुम मेरे पास प्रिय
जब वर्षा पहली जलाने लगे
कोयलया गीत सुनाने लगे
जब उलझन दिल की बढ़ जाए
तब आना तुम मेरे पास प्रिय
जब आंखें प्यासी- प्यासी हों
चेहरे पर घोर उदासी हो
हर और अंधेरा छा जाए
तब आना तुम मेरे पास प्रिय
जब रात विरानी हो जाए
जब दिन बैरागी हो जाए
जब ख्वाब पुराने जग जाए
तब आना तुम मेरे पास प्रिय
मैं तेरा था तू मेरी थी
फिर भी नजरे क्यूं फेरी थी
जब इसका हल कुछ मिल जाए
तब आना तुम मेरे पास प्रिय
जब उम्र की रौनक ढल जाए
यादों के चिट्ठे गल जाएं
दिन-रात कहीं जब मिल जाए
तब आना तुम मेरे पास प्रिय
========
प्रस्तुत गीत मूल व अप्रकाशित है जो केवल आपको ही भेजा गया है
गीतकार…..
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
हापुड़, उत्तर प्रदेश
9149087291