तन से ज्यादा मन पर कोरोना
तन से ज्यादा मन पर कोरोना
हालांकि यह दौर बहुत ही मुश्किल है।महामारी से भारत मे त्राहिमाम मचा हुआ है।लेकिन यह भी सत्य हैं कि महामारी की तमाम चुनोतियाँ के बावजूद मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी संतोषजनक हैं।वही राहत देने वाली बात यह है कि ज्यादातर मरीज घर पर ही रहकर कोरोना को हरा रहे हैं।यह कोरोना शरीर से अधिक हमारे मस्तिष्क पर प्रहार कर रहा है।यह हमें मानसिक तौर पर बीमार कर रहा है।आजकल चारों और कोरोना महामारी के सम्बंधित बाढ़ आ गई हैं।इसमें सोशल मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।इसलिए बार बार एक ही तरह के समाचार सुन और पढ़कर लोगों के मस्तिष्क में कोरोना महामारी का ख़ौफ़ बैठ गया है। वर्तमान में कोरोना लोगों के तन से ज्यादा मन पर हावी हो रहा है। जब हम बार बार नकारात्मक विचारों को मस्तिष्क में लाते हैं तो शरीर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है इसी नकारात्मकता की वजह से लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।धीरे-धीरे यह मानसिक तनाव बीमारी का रूप धारण कर लेता है ओर वही बात है कि आज कोरोना ने मानसिक बीमारी का रूप धारण कर लिया है। यह भी देखा गया है कि जो लोग कोरोना से जुड़े समाचारों से दूर रहते हैं उन पर इस कोरोना महामारी का असर बिल्कुल कम है। कोरोना से विजय करने के लिए हमे मस्तिष्क को बिल्कुल शांत व स्वस्थ रखने की बिल्कुल जरूरत है।कोरोना से सावधानी बरतनी बहुत ही आवश्यक है पर बार बार उस विषय में सोचना, पढ़ना और देखना बहुत ही हमारे लिए घातक है। विशेषकर घर से बिना कार्य बार नहीं निकलना है अतिआवश्यक काम होने पर ही घर से बार निकले और निकलते समय मुँह पर मास्क होना बहुत ही जरूरी है सरकार की गाइडलाइंस का पालन करना, बार बार हाथ साबुन से धोना और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
बागोड़ा जालोर-343032
कक्षा स्नातक तृतीय वर्ष