तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
💐तारों का चमकता गहना हो💐
अपने तन को सुंदर ना कर, तू मन अपना सुंदर कर ले-2
है काल का पंजाब बलशाली, कुछ मौत दीवानी से डर ले-2
अपने तन को……
1】 कई जन्मों से भटका है तू, फिर मानुष तन को पाया है
सत्कर्म लगें तुझको फीके, क्यों बुरा कर्म ही भाय है
जो जैसा करता पाता है, झोली सत्कर्मों की भर ले
अपने तन को…….
2】 छल दंभ द्वेष पाखंड को कर, तू खुद को राजा कहता है
तू पाल रहा संशय मन में, यमराज देखता रहता है
सब यही धरा रह जाएगा, थोड़ा परमेश्वर से डर ले
अपने तन को……..
3】 सोने की लंका रावण की, कौरव का वंश हजारों का
रावण ने काल शनि बांंधे, अनहोनी से कब बचने का
धन दौलत राज्य यहीं रह गए, मन में भगवान छवि भर ले
अपने तन को……
लेखक:- खेम सिंह सैनी
ग्राम – गोविंदपुर, वैर
मोबाइल नंबर :- 9266034599