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16 Jun 2024 · 1 min read

तन्हा रातों में इक आशियाना ढूंढती है ज़िंदगी,

तन्हा रातों में इक आशियाना ढूंढती है ज़िंदगी,
कब गोद में सर रखूं और सुकून भरी नींद मिले

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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