तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
किसको सुनाएं दास्तां, हाल ए दिल की सांवरे।
दंश दामन में छुपाए, महफिल सजाते रहे।
जख्म पर मलहम लगाएं , मुस्कुराते रहे।
श्याम सांवरे.….
तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
किसको सुनाएं दास्तां, हाल ए दिल की सांवरे।
दंश दामन में छुपाए, महफिल सजाते रहे।
जख्म पर मलहम लगाएं , मुस्कुराते रहे।
श्याम सांवरे.….