तनिक मुस्काए दो
का जी, सुरति रगड़त बानी, तनिक बनाए दो
हमउ भी चबाई ससुर, तनिक मुस्काए दो
निन्दिये आवत रहल, सोइ मगर कइसन हम
टूट गइल खाट हमार, रहल ओकरे पाए दो
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का जी, सुरति रगड़त बानी, तनिक बनाए दो
हमउ भी चबाई ससुर, तनिक मुस्काए दो
निन्दिये आवत रहल, सोइ मगर कइसन हम
टूट गइल खाट हमार, रहल ओकरे पाए दो
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