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11 Jul 2021 · 1 min read

तनिक मुस्काए दो

का जी, सुरति रगड़त बानी, तनिक बनाए दो
हमउ भी चबाई ससुर, तनिक मुस्काए दो

निन्दिये आवत रहल, सोइ मगर कइसन हम
टूट गइल खाट हमार, रहल ओकरे पाए दो

•••

Language: Bhojpuri
1 Like · 265 Views
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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
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