तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत का नही है ज्य
तनाव ना कुछ कर पाने या ना कुछ पाने की जनतोजहत का नही है ज्यादा,ज्यादा है उस ना कुछ कर पाने या ना कुछ पा पाने के
जनतोजहत के वाक और वजन को ना बांट पाने के वजह से।
तनाव हालत और हालात का नही, बल्की हालत और हालात में बनने वाले मानसिक, जसबाती वजन और वेग का है जिसको आप mental emotional spritual psychological स्टैमिना और इम्यूनिटी ना होने के कारण संभाल या सेहन नही कर पाते। फिर वो overthinking से anxiety फिर depression में बदल जाता है।
फोकस स्ट्रेंथ पर करे पर साथ साथ इम्यूनिटी को भी मजबूत करे। क्योंकि जब ताकत खतम होती हो पर प्रोटेक्शन इम्यूनिटी से ही होगी आपकी। अपने emotional , social, pyschological, spritual immunity को स्ट्रॉन्ग करो बस ये ना हो physical , personal, finaancial स्ट्रेंथ को strong करने में लगे है बाकी सब की फिकर किए होना,
क्या चीज की किस्त और कीमत तब समझ आती है जब एक्चुअल उनकी जरूरत होती है तब उसी वक्त वो चीज साथ नही देती है।
पैसा, सपने, status, प्रेम कमाने दिखाने जताने के चक्कर में
मन और आत्मा के स्वस्थ को इग्नोर ना करो।
शरीर मंजबूत और मन स्वस्थ और आत्मा सुकून में रहेगी
तो तनाव हालात वक्त कभी आपको नुकसान नही देंगे।