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5 May 2023 · 1 min read

#तनबगिया की सांझ

★ #तनबगिया की सांझ ★

प्रेमसदन में प्राणपण धर दिया मैंने
तुम्हारे नाम से पहले आचमन किया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

आन छुपा चोर एक हृदय की अटारी में
फिर से सात जन्मों का वचन किया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

दिनरैन नखशिख भीजते नेहा की फुहारों में
सौ-सौ जन्मों को इसी जनम जिया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

माथे सजे है कुमकुम पांवों में महावर
मनमयूर मीत तेरे रंग रंग दिया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

मन हुआ पटबीजना तनबगिया की सांझ में
तुमने कहा रजनीगंधा पिया पिया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

भय का लब्ध प्रीत नहीं प्रेमबीज राम
सियाराम मंत्रओढन रामसिया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

सूरज खिले मांग तेरी रुक्मण पटरानी
पथकंटकों के हाथ में डर दिया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . .

हे चक्रपाणि लाज मेरी तेरे हाथ है
पद्मपुष्प संग वीतराग वर लिया मैंने

तुम्हारे नाम से पहले . . . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
202 Views
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