तड़ाग के मुँह पर……समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर……समंदर की बात
मेरी हार पर कर गया कोई सिकंदर की बात
बात – बात में भी कोई बात ऐसी न हुई
जाग के सो गई फिर मेरे अंदर की बात
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
तड़ाग के मुँह पर……समंदर की बात
मेरी हार पर कर गया कोई सिकंदर की बात
बात – बात में भी कोई बात ऐसी न हुई
जाग के सो गई फिर मेरे अंदर की बात
-सिद्धार्थ गोरखपुरी