” तजुर्बा “
पता नही ! मैं जिंदगी को किस सलीके से जीए जा रही हूं ,
ख्वाहिशों को जीने की उम्र में ,
तजुर्बे लिए जा रही हूं ।
– ज्योति
पता नही ! मैं जिंदगी को किस सलीके से जीए जा रही हूं ,
ख्वाहिशों को जीने की उम्र में ,
तजुर्बे लिए जा रही हूं ।
– ज्योति