तकदीर का सितम
लाख काविशें करें हम मंजिल को हासिल करने की ,
मगर रहेंगे हम फिर भी शिकस्ता हाल ही उम्र भर ।
अब इससे जायदा तकदीर ए सितम क्या होगा ?
सारी जिंदगी गुजरेगी मिन्नतें करते खुदा के दर पर ।
लाख काविशें करें हम मंजिल को हासिल करने की ,
मगर रहेंगे हम फिर भी शिकस्ता हाल ही उम्र भर ।
अब इससे जायदा तकदीर ए सितम क्या होगा ?
सारी जिंदगी गुजरेगी मिन्नतें करते खुदा के दर पर ।