” ढोंग “
अपने मतलब के लिए अपना बनने का ढोंग करने वाले ही ,
दर्द के अंधकार में डूबा देते हैं ,
वरन गौरों का क्या वो तो,
गलती से भी टकरा कर माफ़ी मांग लेते हैं ।
– ज्योति
अपने मतलब के लिए अपना बनने का ढोंग करने वाले ही ,
दर्द के अंधकार में डूबा देते हैं ,
वरन गौरों का क्या वो तो,
गलती से भी टकरा कर माफ़ी मांग लेते हैं ।
– ज्योति