ढूंढ रहा हूँ
अपनों से चोट खाया हूँ मरहम ढूंढ रहा हूँ
जख्म कहाँ कहाँ लगे हैं जख्म ढूंढ रहा हूँ
ना जाने कब कैसे किसने छला है मुझको
दुनिया की भीड़ में मैं वो अपना ढूंढ रहा हूँ
अपनों से चोट खाया हूँ मरहम ढूंढ रहा हूँ
जख्म कहाँ कहाँ लगे हैं जख्म ढूंढ रहा हूँ
ना जाने कब कैसे किसने छला है मुझको
दुनिया की भीड़ में मैं वो अपना ढूंढ रहा हूँ