*ढूँढ रहे हैं तुमको हम प्रभु (भक्ति गीत)*
ढूँढ रहे हैं तुमको हम प्रभु (भक्ति गीत)
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ढूँढ़ रहे हैं तुमको हम प्रभु ,हम गृहस्थ घर-वासी
(1)
चाह हमारी इस जीवन में हम तुम को पा जाएँ
मिलो हमें तो मकसद जीवन का पूरा कर पाएँ
दूर करो हे प्रभु जीवन में छाई हुई उदासी
(2)
पता नहीं कितने वर्षों में पूरा होगा पाना
मिले नहीं यदि इसी जन्म में ,तो होगा फिर आना
चाह जगी है रोम-रोम में साँस-साँस है प्यासी
(3)
कृपा करो हे प्रभु आ जाओ ,जीवन सफल बना दो
अनुभव का माधुर्य हमें भीतर तक सरस घना दो
नित्य तुम्हारे आवाहन के हम बालक अभ्यासी
ढूँढ रहे हैं तुमको हम प्रभु ,हम गृहस्थ घर-वासी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451