डोरीमान नहीं हनुमान बनो
डोरीमान नहीं हनुमान बनो
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छोटू राजा मोबाइल में, दिन भर उलझा रहता I
माँ पापा की डाट डपट से, फर्क उसे नहिं पड़ता II
माँ पापा ने दादा जी को, जाकर सब बतलाया I
बड़े प्यार से दादा दादी, ने उसको समझाया II
मोबाइल पर गेम खेलकर, तुम मत समय गँवाओ I
डोरीमान नहीं बेटे तुम, हनुमान बन जाओ II
बिस्तर में बैठे बैठे अब,आँखें तुम मत फोड़ो I
खेलो, कूदो, योग करो फिर, शक्तिमान बन जाओ II
जीवन में आगे चलकर यदि, सुख सुविधा पानी है I
मेहनत करके पढ़ लिखकर तुम, बुद्धिमान बन जाओ II
आगे चलकर कंप्यूटर पर, खूब परिश्रम करना I
चंदा तक जाने वाला तुम, राकेट यान बनानाII
दादाजी की बात समझ में, छोटू को जब आईI
मोबाइल को छोड़ लगन से, करने लगा पढ़ाई II
श्रीकृष्ण शुक्ल,
MMIG – 69, रामगंगा विहार, मुरादाबाद I
26.07.2022