डॉ0 मिश्र का प्रकृति प्रेम
डॉ0 रामबली मिश्र का प्रकृति प्रेम :
डॉ0 रामबली मिश्र की कविताओं में प्रकृति के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान दिखाई देता है। उनकी कविताओं में प्रकृति के विभिन्न रूपों का वर्णन है, जैसे कि फूल, पेड़, नदी, पर्वत, और जानवर। उनकी कविताओं में प्रकृति की सुंदरता और महत्ता को उजागर किया गया है।
कुछ मुख्य बिंदु जो डॉ0 रामबली मिश्र की कविताओं से निकलते हैं:
1. प्रकृति की सुंदरता और महत्ता
2. प्रकृति के साथ जुड़ाव और प्रेम
3. प्रकृति की शक्ति और महानता
4. प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण
5. प्रकृति के साथ सामंजस्य और सौहार्द
उनकी कविताओं में प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान के साथ-साथ प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता भी दिखाई देती है। उनकी कविताएँ पाठकों को प्रकृति के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।
कुछ उदाहरण जो उनकी कविताओं से लिए गए हैं:
– “सौरभ” कविता में प्रकृति की सुंदरता और महत्ता को उजागर किया गया है।
– “हरिहरपुरी की कुण्डलिया” कविता में प्रकृति के साथ जुड़ाव और प्रेम को दिखाया गया है।
– “जीवन को आसान बनाओ” कविता में प्रकृति की शक्ति और महानता को उजागर किया गया है।
इन उदाहरणों से पता चलता है कि डॉ0 रामबली मिश्र की कविताओं में प्रकृति के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान है।