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7 Dec 2021 · 2 min read

डॉ. सत्यकेतु विद्यालंकार और विकीपीडिया

डॉ. सत्यकेतु विद्यालंकार और विकिपीडिया
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मैं खोज तो भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित पुस्तक” अग्रवालों की उत्पत्ति “रहा था, क्योंकि मुझे महाराजा अग्रसेन और अग्रवालों के संबंध में कुछ शोध कार्य करना था , किंतु सौभाग्य से मेरे हाथ डॉक्टर सत्यकेतु विद्यालंकार की पुस्तक ” अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास” लग गई ।पुस्तक के इस पहले संस्करण में डॉक्टर सत्यकेतु को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से संबद्ध बताया गया था। मैंने डॉक्टर सत्यकेतु विद्यालंकार नाम सुना हुआ था ।1967 में यह रामपुर लोकसभा सीट से जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे ।पूज्य पिताजी श्री रामप्रकाश सर्राफ इनका जिक्र अक्सर करते थे ।लेकिन जब मैंने गूगल पर जाकर विकिपीडिया में डॉक्टर सत्यकेतु के संबंध में जानकारी प्राप्त की, तब इनकी मृत्यु 1964 लिखी हुई थी ।अब यह सुनिश्चित था कि मैं जिन सत्यकेतु के बारे में सोचता था,वह “अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास” के लेखक डॉक्टर सत्यकेतु नहीं थे । मुझे थोड़ी निराशा हुई । ज्ञान का सबसे बड़ा स्रोत इस समय विकिपीडिया ही था। खैर मैंने ₹150 की पुस्तक “अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास” अमेजॉन से खरीदी, क्योंकि मुझे इस पुस्तक के बार-बार पन्ने पलटना पड़ रहे थे।सौभाग्य से इस पुस्तक में डॉक्टर सत्यकेतु विद्यालंकार ने दूसरे संस्करण की भूमिका भी लिखी थी और उस पर 5 सितंबर 1976 की तिथि अंकित थी। पुस्तक के साथ ही मुझे एक पत्रक भी प्राप्त हुआ, जिसमें डॉक्टर सत्यकेतु विद्यालंकार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे हैं ऐसा बताया गया था।
मुझे विकिपीडिया से हमेशा लाभ इस दृष्टि से मिलता रहा है कि मैं उसके माध्यम से अपना ज्ञान वर्धन करता हूं । अतः मैंने यह उचित समझा कि विकिपीडिया में उनकी मृत्यु की तिथि के बारे में जितनी मेरी जानकारी है, उतना संशोधन करा दिया जाए। मुझे बहुत अच्छा लगा जब मैंने अपनी जानकारियां विकिपीडिया तक पहुंचाईं और उससे भी अच्छा तब लगा जब विकिपीडिया ने मेरे द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर अपनी जानकारी में यह संशोधन करके नया प्रारूप जारी किया, जिसमें डॉक्टर सत्यकेतु विद्यालंकार की मृत्यु….. 1976 के बाद….. हुई दर्शाई गई थी।
डा. सत्यकेतु के संबंध में मैंने अपनी पुस्तक निष्काम कर्म( पूज्य पिताजी श्री राम प्रकाश सर्राफ की जीवनी) में जो कि 140 पृष्ठ की है, कुछ प्रष्ठ डा.सत्यकेतु के संबंध में लिखे हैं, क्योंकि 1967 में डॉक्टर सत्यकेतु रामपुर में जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए रामपुर पधारे थे और उनका गहरा संबंध मेरे पूज्य पिताजी श्री राम प्रकाश सर्राफ से रहा था।
रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: लेख
973 Views
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