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9 Aug 2024 · 1 min read

डॉ अरुण कुमार शास्त्री

डॉ अरुण कुमार शास्त्री

एक अबोध बालक ❤️

गीत गाते रहो
हमको सुनाते रहो ।
जिनको सुन सुन
कानों में मिश्री घुलती रहे
आ आ आ आ
कानों में मिश्री घुलती रहे
गीत गाते रहो
हमको सुनाते रहो ।
आपके सुर सुरीले मधु के सदृश
आप उन में , आ आ आ आ
आप उनमें , मदिरा बहाते रहों
कानों में मिश्री घुलाते रहो
गीत गाते रहो
हमको सुनाते रहो ।
आप उन में , आ आ आ आ
आप उनमें , मदिरा बहाते रहों

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