डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक ❤️
गीत गाते रहो
हमको सुनाते रहो ।
जिनको सुन सुन
कानों में मिश्री घुलती रहे
आ आ आ आ
कानों में मिश्री घुलती रहे
गीत गाते रहो
हमको सुनाते रहो ।
आपके सुर सुरीले मधु के सदृश
आप उन में , आ आ आ आ
आप उनमें , मदिरा बहाते रहों
कानों में मिश्री घुलाते रहो
गीत गाते रहो
हमको सुनाते रहो ।
आप उन में , आ आ आ आ
आप उनमें , मदिरा बहाते रहों