डिजिटलीकरण
नही है निर्भर नारी अब किसी पर…
हुआ जब से DigitAll जमाना
निर्भर है नारी खुद पर””
आत्मविकास,आत्मविश्वास की
ओढी़ चुनरी सिर पर,,,,
सुई से लेकर हवाईजहाज तक
समझ लेती सब लैपटॉप पर,,,,
अज्ञान नाम नही है उनकी डिक्शनरी में
सीख लेती है गृहिणी भी बैठ घर पर,,,,,
है भले स्नेह,त्याग,परिश्रम की मूरत नारी
चतुर,विदुषी,कर्मठ भारी सब पर,,,
मूर्ख बना सके नही कोई सहज में
सर्च कर लेती क्षण भर में गूगल पर,,,
इंटनरेट से नारी ने पाया मुकाम
छा रही समाज, सोशलमिडिया पर,,,,।
-सीमा गुप्ता