डायरी
बहुत कठिन था मगर मैंने वक्त काट दिया,
किसी की याद का सूखा दरख़्त काट दिया,
मैं अपने अज़्म को पहचानता हूं बचपन से,
सो डायरी से ही लफ्जें शिकस्त कर दिया।।
✍️रश्मि गुप्ता @ Ray’s Gupta
बहुत कठिन था मगर मैंने वक्त काट दिया,
किसी की याद का सूखा दरख़्त काट दिया,
मैं अपने अज़्म को पहचानता हूं बचपन से,
सो डायरी से ही लफ्जें शिकस्त कर दिया।।
✍️रश्मि गुप्ता @ Ray’s Gupta