Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2020 · 1 min read

डाकिया

वो जो डाकिया है ना
रोज गुजर जाता है दरवाजे के सामने से
तुम्हें पता तो याद है ना।
-सरितासृजना

Language: Hindi
2 Likes · 290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" सत कर्म"
Yogendra Chaturwedi
*झूठी शान चौगुनी जग को, दिखलाते हैं शादी में (हिंदी गजल/व्यं
*झूठी शान चौगुनी जग को, दिखलाते हैं शादी में (हिंदी गजल/व्यं
Ravi Prakash
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*मेरे मम्मी पापा*
*मेरे मम्मी पापा*
Dushyant Kumar
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
शिव प्रताप लोधी
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
Meera Thakur
मैं बड़ा ही खुशनसीब हूं,
मैं बड़ा ही खुशनसीब हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शहर तुम गांव को चलो
शहर तुम गांव को चलो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
4444.*पूर्णिका*
4444.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां की कलम से!!!
मां की कलम से!!!
Seema gupta,Alwar
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
वोट डालने जाना
वोट डालने जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
“लिखते कुछ कम हैं”
“लिखते कुछ कम हैं”
DrLakshman Jha Parimal
पतंग*
पतंग*
Madhu Shah
मेरी जिंदगी सजा दे
मेरी जिंदगी सजा दे
Basant Bhagawan Roy
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
मल्हारी गीत
मल्हारी गीत "बरसी बदरी मेघा गरजे खुश हो गये किसान।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
రామయ్య రామయ్య
రామయ్య రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
कुछ खास दिलों को
कुछ खास दिलों को
shabina. Naaz
..
..
*प्रणय प्रभात*
"किवदन्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
खुदा भी बहुत चालबाजियाँ करता।
खुदा भी बहुत चालबाजियाँ करता।
Ashwini sharma
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राम सिया की होली देख, अवध में हनुमंत लगे हर्षांने।
राकेश चौरसिया
Loading...