डाकियाँ बाबा
लाल डाकखाने से निकाले चिट्ठी
थेले में भर , हर जगह वो जायें
आवाज़ सुन सब बोले
आयें रे आयें
डाकियाँ बाबा आयें
पहने ख़ाकी कपड़े
हाथो में चिट्ठी थामें
सभी के नाम पते पर
घर घर वो चिट्ठी पहुँचाए
अच्छा– बुरा संदेशा लाए
दूर दराज़ लोगों को अपने
समीप होने का अहसास कारायें
आयें रे आयें
डाकियाँ बाबा आयें।।✍🏻😇