डाई वाले बाल (हास्य कुंडलिया)
डाई वाले बाल (हास्य कुंडलिया)
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डाई से काले हुए , सुंदर उर्मिल केश
बूढ़ों के मन से मिटे ,भीतर के सब क्लेश
भीतर के सब क्लेश ,अदा यौवन की लाते
चले अकड़ कर चाल ,बाल सब को दिखलाते
कहते रवि कविराय , वसंती अब ॲंगड़ाई
हुए साठ के बाल , तीस के रँगकर डाई
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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उर्मिल = लहरों से युक्त ,जिसमें छोटी-छोटी तरंगे या लहरें उठती हैं