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31 May 2023 · 1 min read

ठोकर

मुश्किल हालातों से हम गुजर रहे हैं
ठोकर खाकर हम निखर रहे है.

दिल तोड़ने वाले बिखर रहे हैं
ठोकर खाकर हम निखर रहे हैं.

माना हम भटक दर-बदर रहे हैं
हम ठोकर खाकर निखर रहे हैं.

ज़ख़्मों से अब हम “विशाल” उबर रहे हैं
ठोकर खाकर निखर रहे हैं.

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