ठोकरे ही मनुष्य को जीना सिखाती है
क्या जीवन का आधार सफलता है , क्या सफल इंसान ही इस माया रूपी संसार मे सबसे बड़ा है , और हैं भी तो लोग उसे देवतुल्य मानते हैं व। खैर हम सभी चाहते हैं कि हमारे जीवन के हर संघर्ष का परिणाम हमारी सफलता हो । हम जो सपना देखे ,वह जल्द ही पूरा हो जाये , हम दुनिया को अपने कदमो में झुका सके , हमारे पास दुनिया की सारी ,दौलत ,शौहरत हो , उच्चे से उच्चा घर हो , बंगला हो ,नौकर चाकर हो अगैरह वगैरह , हम सोचते है । परन्तु हमारी भूख इतनी न रह कर दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती हैं । बचपन से माता ,पिता और गुरु से सिखया जाता है ” पढ़ाबा लिखबा होबा नवाब ,खेलबा कुदबा होबा खराब ” , और हम आंख मूदकर उसका अनुसरण करते हैं । कभी सोचा अगर सफल हो गए तो वाह वाह ,अगर ना हुए तो कैसे इस दर्द ,तड़पन से बाहर निकले , कई वर्षों की अथाह परिश्रम के पश्चात भी असफल हो जाना , सपनो का टूटना , मनचाही सफलता ना मिलना , तानो की बौछार , कटुतापूर्ण वो शब्दावलियों का समुच्चय ,क्या मंजर होता होगा , लेकिन इसे किसी स्कूल ,विश्वविद्यालय में नही सिखया जाता , न ही किसी गुरु , माता व पिता द्वारा की ,कैसे इस दुःखमय समय मे स्वयं को संभाले , अन्यथा अवसाद ,डिप्रेशन का शिकार होना लाजमी हैं ।
कभी कभी हर बार सफल होना भी जीवन मे महत्वपूर्ण नही होता है , कभी कभी हारना भी जीवन के लिए जरूरी है ,ऐसा नही है कि हमे हारने की कामना करनी चाहिए ,नही हमे जीवन के खेल भावना को समझ कर नई जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए ।
ऐसे मेरे पास ढेरो उदाहरण हैं , ऐसा नही की मैं सबकी जीवनी लेकर बैठा हूँ , नही नही मैं गाँव का एक साधरण बालक हूँ , दरसल सभी व्यक्ति की अपनी अपनी गाथा होती है , किसी के संघर्ष की कहानी ,तो किसी की चोर बनने की ,किसी की गरीब बनने ,ना जाने कौन कौन सी , मिलना जुलना सब से रहता है तो ,कोई कोई अपने मर्म भावों को प्रकट कर देता है ,अब जबरदस्ती थोड़े कहेगे कि नही बताओ , पर वो वास्तव में कहानियां रक्त में कुछ पल के लिए हीमोग्लोबिन का काम करती हैं । इनमें कुछ विद्यार्थि भी है कुछ तो उच्चे पदों पर रहने वाले अधिकारी , परन्तु इनकी भूख की लालच नही जाती ।
खैर जीवन मे सबसे सुंदर ,और संघर्ष युक्त समय विद्यर्थि जीवन मे आता है , मानो हर वक्त चिड़चिड़ाहट ,तड़पन ,धैर्य , आग जैसी ज्वलन सब देखने को मिलती हैं , ये वह दौर होता है जब विद्यार्थि सोचता है कि यदि हम जल्दी सफल होगये तो हमारे पास भी नॉकर चाकर ,गाड़ी बंगला सब होगा ,और वह अथाह परिश्रम करता है ।
कभी परिश्रम करने के पश्चात वह असफल हो जाता है ,और वह यदि कमजोर दिल का होतो आत्महत्या की और भी बढ़ता है ,ऐसा नही की वो नही जाएगा ,एक बार सबके दिल मे ये कवायद उठती हैं कि ” येदा पारी सफल ना हुए तो पंखा में फ़सरी लगा लेंगे ।” फिर मन को संजोया जाता हैं ,ना अरे मर जायेंगे तो इस सब विलासिता युक्त वस्तुओं को भोगेगा कौन , नही तो झूठ बोलेंगे की ममी पाप का चेहरा सामने आ गया था ।
खैर असफलता क्यो जरूरी है ,कभी सोचा है ‘नियति’ ,’कर्म’ ,’ भाग्य , कुछ होता है , इन सब शब्द को सुनकर मुझे लकवा से मार देता ,पर गाँव मे बुजुर्ग लोग बहुत कहते है ” बेटा तुम्हरा कर्म ही खराब , इसलिये नही हुआ “। जबकि वो यह कहना चाहते हैं कि जो कुछ अच्छा ही हुआ ।
जैसे एक उद्धरण लेते हैं अगर थॉमस अल्वा एडिसन को स्कूल से नही निकाला जाता तो क्या वो वैज्ञानिक बनता ,नही ,तब उसकी कहानी हम कक्षा दस में अंग्रेजी के पहले अध्याय में नही पड़ते । अर्थात नियति ने उसे किसी बल से दूर हटाने का भरपूर प्रयत्न किया , ऐसा नही की उसने संघर्ष नही किया , रेल के डिब्बे में पेपर बेचे , उसी में अपनी एक प्रयोगात्मक लैब की स्थापना की , जीवन के हर दौर पर उसने असफलता का सामना किया , जबकि कई प्रयोग की असफलताओं के बावजूद उसने बल्ब का निर्माण किया , उससे उसकी ख्याति हुई । अगर ऐसा ना होता तो क्या उसे कोई जानता , जबाब है नही ।
खैर हम दूसरा उदाहरण ” ए. पी.जे.कलाम ” को देखते , क्या इन्होंने संघर्ष नही ,की ,क्या इनका सपना नही टूटा ,क्या इन्होंने गरीबी नही देखी , क्या इन्होंने असफलताओं का समुंदर नही पार किया , किया , फिर हम क्यो नही । इनकी भी नियति इन्हें पेपर बेचने वाले से दूर जहाज उडाने के लिए ले गयी ,पर ये तो मिसाइल मैन बन गए । क्यो , क्योकि इन्होंने जीवन के उस खेल की भावना को समझ कर नई जीवन जीने की कोशिश की ।
हम तीसरा उदाहरण देखते हैं , आज भारत का हर एक बच्चा ,यहां तक अभी जो पैदा हुए वह भी वॉट्सएप चलता है , क्या कभी सोचा अगर इसके फाउंडर ( ब्रायन एक्टन) को फेसबुक में नॉकरी मिल जाती तो , वह क्या आपके सामने इस तकनीक का ईजाद कर पाते नही ।
असफलता हमे बहुत कुछ सिखाती है ,
असफलता हमे कभी घमंडी नही बनने देती , ये हमे उदार , विनम्र और सवेदनशील बनाये रखती है , यह असहज समय मे हमारे पैर को जमीन पर टिकाए रखती हैं , हमे ये आश्वासन देती हैं कि धीर व धैर्य युक्त रहना है , हम दुनिया के मालिक नही है ईश्वर ने ये काम किसी और दिया हैं ।
मैंने कई सफल व्यक्तियों को देखा है ,” 56 इंच का सीना तान कर जब गाँव मुहल्ला में आते हैं तो मानो वही एक मर्द हैं बाकी सब धोती और चूड़ी पहन लिए हो ।” खैर मुम्बई भाषा मे ” बंटा जलवा है जलवा ” ,कहते है लोग ।
जबकि और दूसरे फायदे में अगर हम देखे तो , की असफलता हमे व्यक्तियों की ठीक ठाक पहचान करवाता है , दोस्ती का दावा करने वाले लोग कैसे संकट के दौरान दुम दबा कर भाग जाते हैं । जबकि कुछ लोग अजनबी होने के बावजूद भी सकंट में हाथ थाम लेते हैं ।
वर्तमान में मानवता का एक उद्धरण लेते , टेलीविजन में , खबरों में , व्हाट्सऐप , फेसबुक ,टेलीग्राम सभी जगह एक ही खबर छाई रहती थी ” सोनू सूद भारत के एक नए मसीहा” । अच्छा क्या भारत की समस्त जनता जानती थी ,नही , पर मानवता की मिसाल ने इन्हें अमर कर दिया । इन्होंने भी जीवन के खेल की भावना को समझ कर नई जीवन जीने की कोशिश की ।
अंग्रेजी में एक कहावत है ” A friend in need is the friend indeed.
खैर असफलता ,के मायने सफलता के मायने से अलग है। मेरे पापा हमेशा मुझे एक बात कहते थे
तुम्हे हर कदम पर टूटना बिखरना पड़ेगा , तुम हर खण्ड खण्ड से टूटोगे , अगर तुम झेल गए तब तुम्हे लोग ” कलेक्टर बाबू ” कहेंगे । अन्यथा जीवन मे सब कुछ होते हुए भी तुम बस एक शरीर रहोगे ।
फिलहाल रात की 11 बज रहे हैं और मुझे डार्क हॉर्स ( नीलोत्पल) की एक कविता याद आरही हैं , कैसे लोग आईएएस बनने की चाह में अपनी हड्डियों को गला रहे हैं , चाहे वो लड़की हो या लड़का कैसे वो 25 गज के कमरे में खुद को तपा रहा ।
” कोई बलिया देवरिया ,कोई आजमगढ़ से आया है हजारो गाँव इलाहाबाद पैदल चल कर आया है ,
बाबू जी चिंता ना करिहा ,कह कर आया है कई बेटियों का हौसला भी बाप से लड़ कर आया है ,
कई गाँवो का गुलमोहर साख से झड़ कर आया है ,हजारों ख्वाब का लश्कर पटरियां चढ़ कर आया है ,
जम कर पढ़ना ,अड़ के लड़ना , एक भी सपना ना टूटे ,इलाहाबाद के लड़कों/लड़कियों तुमसे ये मौका ना छूटे ।”
“तुम्हारे भीतर की गंगा से कभी यमुना ना रूठे ,इलाहाबाद के लड़कों …..।
खैर असफलता ने किसी के जीवन के आधार को बदल दिया तो किसी के नीद चैन को बर्बाद कर दिया ।
मेरा मानना है कि बड़ी बड़ी खुशियां ढूढने से अच्छा है हर पल हर कण कण में खुशियां प्राप्त कर लिया जाए । असफलता चाहे छोटी हो उसे स्वीकार करे ,और फिर से एक कोशिश करे अपने सपनो को पूरा करने में ।