*ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का
ठाकुरद्वारा मंदिर/पंडित मुनीश्वर दत्त मंदिर में दर्शनों का सौभाग्य
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रामपुर। आज दिनांक 7 जुलाई 2024 रविवार को रात्रि 9:00 बजे के पश्चात मिस्टन गंज स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर/ पंडित मुनीश्वर दत्त का मंदिर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज की तिथि विशेष है। आज ही उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती हैं तथा आज ही अनेक वर्षों से ठाकुरद्वारा/ पंडित मुनीश्वर दत्त के मंदिर से भी यात्रा निकलने का क्रम चल रहा है।
दिन भर की रथ यात्रा की चहल-पहल के बाद रात्रि के समय मंदिर में शांति है। भगवान जगन्नाथ की मूर्तियॉं मंदिर में प्रतिष्ठित हैं । वही भाव और सुंदर रूप जो जगन्नाथपुरी में भक्तों को दर्शन के लिए प्राप्त होता है।
वर्तमान पुजारी महोदय की माताजी मंदिर की सेवा के लिए उपस्थित थीं । मैं और मेरी पत्नी श्रीमती मंजुल रानी ने जब माताजी से जानकारी लेना चाही तो उन्होंने बताया कि जगन्नाथ जी की मूर्तियां लगभग बीस वर्ष पहले स्थापित हुई थीं । इन मूर्तियों के निकट ही राधा-कृष्ण की मूर्ति है। राधा-कृष्ण की मूर्तियों का आकार बड़ा है। भगवान कृष्ण की मूर्ति गहरे काले पत्थर की बनी हुई है। जबकि राधा जी की मूर्ति श्वेत वर्ण की है। भगवान कृष्ण की मूर्ति का पत्थर उतना ही काला है, जितना अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठित रामलला की मूर्ति का रंग है। माताजी ने बताया कि यह मूर्ति मंदिर की सबसे प्राचीन मूर्ति है।
“अर्थात इस मूर्ति को स्थापित हुए कितना समय हो गया होगा?”-हमने पूछा।
“लगभग तीन सौ वर्ष” अनुमान से माताजी ने उत्तर दिया। तीन सौ वर्ष की अवधि रामपुर में नवाबी शासन की भी नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि राधा कृष्ण की यह मूर्ति नवाबी शासन से पहले की हैं ।
“प्राचीन मूर्तियों में और किन-किन मूर्तियां की गणना की जा सकती है?”- इस प्रश्न के उत्तर में माताजी ने हनुमान जी की मूर्ति तथा भगवान शंकर के शिवलिंग का उल्लेख किया। हनुमान जी की मूर्ति बहुत सी मूर्तियां के मध्य स्थापित है। माताजी ने यह भी बताया कि हनुमान जी की मूर्ति ठीक उसी स्थान पर है, जहां यह हमेशा से थी। शिवलिंग भी प्राचीन स्थान पर ही आज भी स्थापित है। समय-समय पर ठाकुरद्वारा/ पंडित मुनीश्वर दत्त के मंदिर में अनेक मूर्तियां लगती रही हैं । धनुष लिए हुए भगवान राम और सीता की मूर्ति भी हैं ।भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्तियां भी हैं। विगत वर्षों में श्याम बाबा की मूर्ति भी स्थापित हुई है। हाल ही में हरि बाबा बॉंध वाले (अनूप शहर, उत्तर प्रदेश) की भी एक सुंदर विशाल मूर्ति मंदिर के मुख्य हॉल में प्रवेश करते ही भव्यता से स्थापित हुई है। इन सब मूर्तियों से मंदिर का सौंदर्य अनेक गुना बढ़ गया है।
संगमरमर का साफ-सुथरा फर्श तथा दीवारों पर संगमरमर का सुंदर कार्य मंदिर की स्वच्छता को आशातीत रूप से बढ़ा रहा है। मंदिर में जब हमने प्रवेश किया था, तो दो-तीन श्रद्धालु ही दर्शन करके बाहर आ रहे थे। एक सज्जन अपने पुत्र को उसके जन्मदिन पर मंदिर में दर्शन कराने के लिए लाए थे । सुपरिचित थे। जन्मदिन के अवसर पर बच्चों को मंदिर ले जाने की परिपाटी देखकर और भी अच्छा लगा।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451