Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2023 · 1 min read

ठंडी क्या आफत है भाई

ठंडी क्या आफत है भाई ,
सर पे टोपी बदन रजाई ,
भूले सारे सैर सपाटा ,
गलियों में कैसा सन्नाटा,
दादी का कैसा खर्राटा,
जैसे कोई धड़म पटाखा ,
पानी से तब हाथ कटे है ,
जब जब आटा हाथ सने है,
भिंडी लौकी कटे ना भाई ,
सर पे टोपी बदन रजाई ,
ठंडी क्या आफत है भाई।

भूल गए सब चादर वादर,
कूलर भी ना रहा बिरादर,
क्या दुबले क्या मोटे तगड़े ,
एक एक कर सबको रगड़े,
थर थर थर थर कंपते गात ,
और मुंह से निकले भाप ,
बाथ रूम को जब भी जाते,
बूंद बूंद से बच कर जाते,
मौसम ने क्या ली अंगड़ाई,
सर पे टोपी बदन रजाई ,
ठंडी क्या आफत है भाई।

ऐ.सी.ने फुरसत पाई है,
कूलर दीखते हरजाई है ,
बिस्तर बिस्तर छाई आलस,
धूप बड़ी दिल देती ढाढ़स,
कुहासा अम्बर को छाया ,
गरम चाय को जी ललचाया,
स्वेटर दास्ताने तन भाए ,
कि मन भर भर भर को चाहे ,
गरम पकौड़े ,गरम कढ़ाई ,
सर पे टोपी बदन रजाई ,
ठंडी क्या आफत है भाई।

सन सन सन हवा जो आती,
कानों को क्या खूब सताती ,
कट कट कट दांत बजे जब,
गरम आग पर हम तने तब,
चाचा चाची काका काकी,
साथ बैठ कर घुर तपाते,
राग बजाते एक सुर में,
बैठे बैठे मिल सब गाते,
इससे बड़ी ना विपदा भाई,
सर पे टोपी बदन रजाई ,
ठंडी क्या आफत है भाई।

अजय अमिताभ सुमन:
सर्वाधिकार सुरक्षित

Language: Hindi
Tag: Funny, Humour
307 Views

You may also like these posts

यादेँ
यादेँ
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
बदलाव
बदलाव
Shekhar Chandra Mitra
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
Science teacher's Umbrella
Science teacher's Umbrella
Mr. Bindesh Jha
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
भूख
भूख
Mansi Kadam
नफ़रत
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
"हमें पता है"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यारे बादल
प्यारे बादल
विजय कुमार नामदेव
जो मन बुद्धि का सार्थक उपयोग करना जान लिया, असल मायने में वह
जो मन बुद्धि का सार्थक उपयोग करना जान लिया, असल मायने में वह
Ravikesh Jha
पूनम की चांदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो
पूनम की चांदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो
Ram Krishan Rastogi
आंखों की नदी
आंखों की नदी
Madhu Shah
एहसास
एहसास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम
Ranjeet kumar patre
तेरी याद.....!
तेरी याद.....!
singh kunwar sarvendra vikram
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
Weekend
Weekend
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3285.*पूर्णिका*
3285.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैंने अपनी तन्हाई में
मैंने अपनी तन्हाई में
Chitra Bisht
😢आज का दोहा😢
😢आज का दोहा😢
*प्रणय*
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
आज के लड़के
आज के लड़के
अभिनव अदम्य
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
sp120 कौन सी ऎसी/सच की कलम
sp120 कौन सी ऎसी/सच की कलम
Manoj Shrivastava
पाँच सितारा, डूबा तारा
पाँच सितारा, डूबा तारा
Manju Singh
अपने 'रब' को भी खुद में पा लेते
अपने 'रब' को भी खुद में पा लेते
Dr fauzia Naseem shad
माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर।
माना डगर कठिन है, चलना सतत मुसाफिर।
अनुराग दीक्षित
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...