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7 Sep 2019 · 1 min read

ट्रैफिक चालान के इंकलाबी दोहे

+++ ट्रैफिक चालान पर इंकलाबी दोहे +++
*************************
बिना हेलमेट ना निकल, चाहे हो जा देर।
खाकी चौराहे खड़ी ,करे कमाई ढेर।।

नोच नोच के खा रहे ,ट्रैफिक नियम कमाल।
जनता भोली लूट रही ,कैसा फैला जाल।।

नेता चुपड़ी मारता, जनता भूखी रोए ।
ये बदलाव होत जब ,नेता जनता धोए।।

भूख गरीबी पर चले, जिनकी रोज जुबान ।
बोले जब मजलूम तो ,होते बहरे कान ।।

मनमानी अब खूब है, ट्रैफिक नियम कमाल ।
जितना चाहो लूट लो , मनमर्जी का माल ।।

खाकी- खादी एक सी ,करती रोज धमाल।
सेवक बन जो लूटते, तरहा-तरहा से माल ।।

बेच रहे जो रोज ही ,अपना हिंदुस्तान ।
वो ही तीखा बोलते , सुनकर पाकिस्तान ।।

गाड़ी से भी कीमती, कटने लगा चालान।
गोरों की मनमर्जी का ,फीका पड़ा लगान ।।

सरकारी कानून का , कैसे करें विरोध ।
वोट पड़े तब ही करे, जनता इस पर शोध ।।
********
मूल रचनाकार…. डॉ नरेश “सागर”
इंटरनेशनल वेस्टीज साहित्य अवार्ड व डॉक्टर अंबेडकर फैलोशिप से सम्मानित
9897907490

Language: Hindi
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