“टूट कर बिखर जाउंगी”
सोने की जरूरत थी, मै तेरे लिया सोना बन गई।
चांदी की जरूरत थी , मै चांदी बन गई।
तुझे आज कांच जरूरत है, मैं वो भी बन जाउंगी ।
एक नजर गुस्से से देख , मै तेरे लिए टूट कर बिखर जाउंगी ।
सोने की जरूरत थी, मै तेरे लिया सोना बन गई।
चांदी की जरूरत थी , मै चांदी बन गई।
तुझे आज कांच जरूरत है, मैं वो भी बन जाउंगी ।
एक नजर गुस्से से देख , मै तेरे लिए टूट कर बिखर जाउंगी ।