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1 Mar 2024 · 1 min read

टूटे पैमाने ……

टूटे पैमाने ….

कुछ टूटे पैमाने हैं
कुछ रूठे दीवाने हैं

कुछ हैं सपनों में डूबे
कुछ खुद से अंजाने हैं

यादों के तहखानों में
बंद कई अफ़साने हैं

सोये शानों पर मेरे
टूटे ख़्वाब पुराने हैं

सहमे सहमे आँखों से
छलके दर्द दीवाने हैं

मुझको उसकी नज़रों से
बहते ज़ख्म चुराने हैं

सुशील सरना/

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